Wednesday 18 October 2017



بہت  کچھ  بھر  گیا  کیا کیا  اکٹھا ہو گیا  مجھ میں 
مناظر پڑ گئے دھندلے دھواں سا ہو گیا  مجھ میں 

مرے   باہر  کا  شور و غل  مرے  اندر  کا  سنّا ٹا 
اچانک  مل گئے اور پھر  دھماکہ ہو گیا  مجھ میں 

اندھیرا تھا تو کچھ ذرّ ے چمکتے تھے سیاہی میں 
اجالے  میں  تو  اب بالکل  اندھیرا ہو گیا مجھ میں 

کسی  نے  ایک چنگاری خس و خاشاک پر پھینکی 
نہ  جانے  کیا  جلا  دل  میں  اجالا  ہو  گیا مجھ میں 

وہ پھولوں سا ہنسیں چہرہ اچانک ہنس پڑا مجھ پر 
لگا  جیسے کہ اک  دم  سے سویرا ہو گیا مجھ میں 

میں  خود  کو  نامکمّل  لگ  رہا تھا ایک مدّت سے 
تجھے  چھو  کر لگا جیسے اضافہ ہو گیا مجھ میں 

کئی  دن  سے  تری  یادیں  نہیں آ ئیں  عیادت   کو 
ترا  غم  بھی  مرے  جیسا  اکیلا  ہو  گیا  مجھ  میں 
منیش شکلا 

Tuesday 17 October 2017



कहने  को  रख  रखाव  तिरा बेमिसाल  है। 
लेकिन ये  रख  रखाव ही ख़ुद में सवाल है। 

कैसा   अजीब     रंग    है    तेरे   दयार   का ,
सब  हंस  रहे  हैं  और  लबों  पर  मलाल है। 

मैं  छू रहा हूँ  तुझको  मगर  लम्स  के  बग़ैर ,
कुछ  दिख  नहीं  रहा है ये कैसा विसाल है। 
कैसे  कहूँ   कि  रोज़  अयादत  को  आईये ,
कैसे  कहूँ   कि  आज   तबीयत  बहाल  है। 

मैंने  कहा   कि   चाँद   सितारे   निसार  दूँ ,
उस  ने  कहा  कि  ये  तो पुराना ख़याल है। 

आओ  कि  आज   टूट  के  रोएं तमाम रात ,
हम  तुम  हैं  आस्मां  है  ज़मीं है हिलाल है।

 देखो  कि  एक  क़ाफ़िला  होने  चले हैं हम ,
तन्हा  भी जिस जगह से गुज़ारना मुहाल है।
मनीष शुक्ला 


Thursday 12 October 2017



کہنے    کو  رکھ    رکھاؤ   ترا   بے  مثال  ہے 
لیکن  یہ  رکھ  رکھاؤ ہی  خود  میں  سوال  ہے 

کیسا    عجیب    رنگ    ہے   تیرے    دیار  کا 
سب  ہنس  رہے   ہیں   اور  لبوں  پر  ملال  ہے 

میں  چھو رہا ہوں  تجھ  کو مگر لمس  کے بغیر 
کچھ  دکھ    نہیں   رہا   ہے  یہ  کیسا وصال  ہے 

کیسے   کہوں     کہ   روز    عیادت    کو  آئیے 
کیسے     کہوں   کہ     آج    طبعیت   بحال  ہے 

میں   نے   کہا   کہ   چاند   ستارے   نثار  دوں 
اس  نے    کہا   کہ   یہ    تو   پرانا   خیال   ہے 

آؤ    کہ   آج    ٹوٹ   کے   روییں   تمام  رات 
ہم  تم  ہیں  آسماں  ہے  زمیں   ہے    ہلال  ہے 

  دیکھو  کہ  ایک  قافلہ  ہونے   چلے   ہیں   ہم 
تنہا  بھی  جس   جگہ  سے   گزرنا  محال  ہے 

منیش شکلا