Saturday 1 October 2011

ishq ke dard ka chara akhir kiske bas mei'n hota hai

इश्क़ के दर्द का चारा आख़िर किसके बस में होता है.
जो पहले दिल में होता था अब नस नस में  होता  है .,

उड़ने   के  अरमान   सभी  के  पूरे  कब  हो  पाते  हैं.
उड़ने  का  अरमान  अगरचे  हर  बेकस  में  होता है.,

चाँद सितारों पर रहने की ख्वाहिश अच्छी है लेकिन.
चाँद  सितारों  पर रह  पाना  किसके बस  में होता है.,

एक   इरादा  कर  के  घर  से  चलने   में  है   दानाई.
लोगों  का  नुक़सान  हमेशा  पेश  ओ  पस  में होता है.,

रिश्तों की बुनियाद कहाँ हिलती है फिर अफ़वाहों से.
पुखता  पाएदार   भरोसा  जब  आपस  में  होता   है.,

प्यार की पहली बारिश में भी है बिलकुल वैसा जादू.
जैसा  जादू  भीनी  भीनी  मुश्क   ए  खस  में होता है.,

मेरे  जैसा  लोहा   आख़िर  सोने  में  तब्दील   हुआ.
तुझमे  शायद वो  सब कुछ  है  जो पारस में  होता है.,

उस से  बातें  करने  में  सब  खौफ़  हवा  हो  जाते हैं.
किस दरजा पुरजोर दिलासा इक ढाढस   में होता है.,
मनीष शुक्ल